दफ्तर से दिन भर की कश्मकश के बाद घर आना किसी कोने में बैग को फेंकना और सर पर हाथ धरे सोफे पर बैठ जाना। कुछ देर बस मायूसियों की गुनगुनाहट सुनते – सुनते ख़यालो में बस यूँ ही खो जाना, दरवाजे पर वो किसी की आहत सी आयी की जैसे मानो मुझे तुम्हारे होने की चाहत सी आयी।
सर से हाथ हटाए गले में लगे फंदे वाली टाई को ढीला कर शर्ट को निकलना , अब उस अकेले कमरे में मेरे सिवाय खैर हैं कौन जो दरवाज़े की चौखट पर जाकर देखु की यह आहत कहीं तुम्हारी तो नहीं । यह मेरा वहम ही हैं या जिस ज़िन्दगी को तुम मेरे सीने में दफ़न कर गयी हो , वह फिर रूह बन कर चली आयी आज ।
तुम्हारी हर वो बातों पर मुस्काना, फिर हर लम्बी बातो को सुनते-सुनते तुम्हे ताकना और सोचता था की किस खूबसूरती से तुम अपने आप को मेरे सामने लाती हो , जैसे हर बार कोई नए इश्क़ का पैगाम लाती हो , तुम्हारी हर वो बातों का हिसाब मुझे याद हैं, जब उस खिलखिलाती हसी के साथ अपने बालों की लटो को कान के पीछे डाला करती थी , जहा तुम्हारे झुमके मुझे देख के चमका करते थे , और वो कम्बख्त लटे हर बार की तरह फिर तुम्हारी आखों के पास गिर कर , तुम्हें तंग किया करते थे… तुम्हारा वो बाल बनाना आज भी नहीं भुला जब तीख़ी नज़रो से मुझे देख कहती थी “ अब भला ऐसे भी न देखो , मुझे शर्म सी आती हैं ।” और यकीन मानों में उस बात पर आज भी उतना ही कायल होता हूँ ।
तुम्हारा हर एक अस्क मेरे सीने में आज भी वैसा ही हैं, जैसा तुम कल छोड़ कर गयी थी । तुमसे बेशक मोहब्बत इन्तेहाँ की हो मगर दूर जाने की कोई वजह मिलेगी यह नहीं सोचा था ।
आज लौटते वक़्त तुम्हारी याद में एक शराब की बोतल फिर उठा लाया , मानों आज रात काटने का कोई सहारा सा मिल गया हो , आकर अपने अकेले कमरे में इत्मिनान से मैंने अपनी शराब की बोतल खोली , काँच का वही गिलास जिसमे कई लम्हे हमने एक साथ जीए थे , जब हर एक घूँट में इश्क़ का नशा चढ़ के बोलता था , तुम्हारी लिपस्टिक की महक मानो आज भी वैसी ही सिमटी हुई हो उस गिलास के एक कोने पर ।
बोतल से एक पेग बना के , सिगरेट को जलना , और हर इक कश को आसुओं के साथ घोल कर पी जाना , पूरा नशे में मदमस्त हो कर फ़ोन हाथ में उठाना , और आज भी उंगलियों को तुम्हारी तस्वीर देख के स्क्रीन पर हाथ फिराना, फिर फोनबुक में जा कर नंबर तुम्हारा मिलाना , और कॉल काट देते हुए , अपने पेग को फिर एक सांस में पी जाना ।
मायूस हो कर फ़ोन किसी कोने में फेंक , अगला पेग बनाना , और पीते-पीते बस यही सोचते जाना , की ज़िन्दगी सिर्फ वो ही थी जो में अब तक जी रहा था , या दोष दू उन चंद पलों को की जिसमें तुमने मुझे तमाम उम्र का जीना मानों एक साथ सीखा दिया हो अब कुछ रह गया हूँ तो बस इस सिगरेट की राख़ की तरह, बर्बाद और बेकाम ।
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Behtreen 👌. Well penned khuch ankahe jazbaat, yaade , dard .
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Nice
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Bhai kaha se sochta have tried ye sb mind blowing yr
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Bhai kaha se sochta h ye sb yr mind blowing yr
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Heart touching very nice somu…👌👍😊
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Beautifully penned and soulful post
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Thank you so much for your kind words.
So glad that it touched you. ☺🙂
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Bhut khub aankh aur paimana dono chalak uthe
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Bhaut sandar….👌👌
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Laazawaab!
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बहुत शुक्रिया, रवि। 😊
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Bahot khoob bhaiya ji
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तेरी दास्तान में मेरा हिस्सा एक पुराना है:
वोह गिलास जिसमे हज़ारों बोतलें उड़ेल दी
आज भी प्यासा है ,
ये फ़ोन जिसपर उंगलियां जबभी घूमी तो तेरा नंबर थिरकता है
उसे आज भी दिल-आसा है।
न जाने “धम्म से” कब कोई आस मेरे दरवाजे आ गिरे,
‘तौबा’ आज पीनी नहीं है तो देख
आज बरसेगी शराब
दिल कुछ रुंआसा है।
तस्वीर बोलती है, तस्वीर खींच दी है,
बात कुछ शायद बन जाए
मैने खुद को आज फिर से तराशा है।
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क्या बात हैं, राकेश साहब।
ऐसा मालूम हुआ जैसे मेरे लिखे को एक कविता का रूप दे दिया हो जैसे। 🙂
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वो गिलास आज भी अल्मारी में रखा है,
वो गिलास आज भी उम्मीद से टूटा नहीं है
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और ना ही कभी टूटने दिया जाएगा।
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Although a bit depressing, yet amazingly written! Must write more in Hindi now. 😊
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khoobsurat….:)
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Yayay! Bahut shukriya, Bhavya ❤
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Kya baat😍
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emotional one…
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Thank you, Shivangee. Did you Like it?
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I generally have never read Hindi poetry a lot. I read this one. And each word is truly a depiction of something beyond beautiful.
It felt so resonating! Mind blowing writing, Sumit.
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I can say that because the way you write your English poetry are is impeccable. They’re not common. They have an essence of your emotions.
I just did that with the messed up emotions I was carrying inside me.
Hindi-Urdu words sound so good when spoken, but harder to write when you try to express your feelings. I’m glad to read your genuine feedback, Devika. Thank you.
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Yeah, I totally agree. I feel language is never a barrier when it comes to expressing it. And you have a good talent with your epic words. They are scintillating. Honest!
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I am honoured. And believe me, I feel the same for your work since yesterday evening.
I hope we keep on doing what makes us happy.
🌸🌸🌸
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Superb
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Thanks a lot, Shubham. 🙂
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